पू. सी. रेलवे की आरपीएफ ने 18 अवैध प्रवासियों को पकड़ा

पिछले महीने 90 नाबालिगों और 02 महिलाओं को भी किया उद्धार

मालीगांव, 12 जनवरी, 2025:

पूर्वोत्तर सीमा रेलवे की रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने दिसंबर, 2024 में चलाए गए अलग-अलग अभियानों में अगरतला रेलवे स्टेशन पर 18 बांग्लादेशी नागरिकों और एक एजेंट को पकड़ा। इसके अलावा, आरपीएफ ने उक्त महीने के दौरान पू. सी. रेलवे के विभिन्न स्टेशनों से 90 नाबालिगों और 02 महिलाओं को उद्धार किया। बाद में उद्धार किए गए नाबालिगों को संबंधित अधिकारियों को सौंप दिया गया।

हाल ही में 22 दिसंबर, 2024 को अगरतला की आरपीएफ और जीआरपी टीम तथा एसआईबी/बदरपुर टीम ने संयुक्त रूप से अगरतला रेलवे स्टेशन पर नियमित जांच की। जांच के दौरान उन्होंने तीन बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा। बाद में, तीनों अवैध प्रवासियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारियों को सौंप दिया गया।

19 दिसंबर, 2024 को एक अन्य घटना में, गुवाहाटी की आरपीएफ/एसआईबी टीम और कामाख्या की आरपीएफ टीम ने कामाख्या रेलवे स्टेशन पर नियमित जांच की। जांच के दौरान, उनलोगों ने कामाख्या रेलवे स्टेशन से भागे हुए तीन नाबालिगों को उद्धार किया। बाद में, नाबालिगों के आवासीय पता मिलने के बाद उनलोगों को सुरक्षित अभिरक्षा के लिए चाइल्ड लाइन, गुवाहाटी को सौंप दिया गया। इसी तरह 29 दिसंबर, 2024 को एक घटना में रंगापाड़ा नॉर्थ की आरपीएफ टीम ने नियमित जांच करते हुए भागे हुए तीन नाबालिगों को उद्धार किया। बाद में बचाए गए नाबालिगों को सुरक्षित अभिरक्षा के लिए चाइल्ड लाइन, तेजपुर को सौंप दिया गया।

उल्लेखनीय है कि जनवरी से दिसंबर, 2024 तक की अवधि में पू. सी. रेलवे की आरपीएफ ने 906 नाबालिग बच्चों और 61 महिलाओं को उद्धार किया तथा 09 मानव तस्करों को गिरफ्तार किया। उद्धार किए गए बच्चों/महिलाओं को संबंधित चाइल्ड लाइन/एनजीओ, माता-पिता और राजकीय रेलवे पुलिस को सौंप दिया गया। इसके अलावा, पू. सी. रेलवे की आरपीएफ ने इस अवधि के दौरान 300 से अधिक अवैध प्रवासियों को पकड़ा।

रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में तैनात आरपीएफ के कर्मचारी सीमावर्ती क्षेत्रों से होने वाली अवैध घुसपैठ के प्रति हमेशा सतर्क और सजग हैं। रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में इसे रोकने के लिए आरपीएफ नियमित जांच अभियान चलाते है। रेल यात्रियों की सुरक्षा के प्रति आरपीएफ अपराधियों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई करती है, मानव तस्करी में शामिल संदिग्ध व्यक्तियों के साथ-साथ अकेले यात्रा करने, उचित अभिभावक के बिना, संदिग्ध तरीके से बच्चों की आवाजाही आदि पर भी कड़ी नजर रखती है।

Related posts

Leave a Comment